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https://youtu.be/P94v5RJ-9vY *_उत्तम स्वास्थ्य के लिए रक्त की कमी खतरनाक रोड़ा है जानिए हीमोग्लोबिन , खून की कमी के कारण लक्षण और उपचार जरूर जानें_* हीमोग्लोबिन की कमी का सबसे प्रमुख कारण पौष्टिक खाने की कमी को ही माना जाता है। खून में हीमोग्लोबिन की कमी की यदि हम बात करें तो यह अक्सर तब हो जाती है जब खून में आयरन की कमी हो जाती है | हीमोग्लोबिन की कमी ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से अन्य बहुत सारी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है | हीमोग्लोबिन में लौह (आयरन) तत्व की कमी के कारण और पौष्टिक भोजन की कमी व हरी पत्तों वाली सब्जियों के न मिलने के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है। अगर शरीर को जरूरत के हिसाब से विटामिन वाला भोजन न मिले तो शरीर में खून की कमी के कारण रोग हो जाता है! जिसे😭 रक्ताल्पता (एनीमिया) रोग कहा जाता है। ★ मलेरिया, अतिरज, खून का बहना, आंते सड़ना, जुकाम, भूख कम लगना, शूगर, स्नायविक कमजोरी, लंबी बीमारी आदि के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके अलावा कुछ बीमारियों के कारण भी शरीर में खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है| *खून में हीमोग्लोबिन की कमी के सामान्य लक्षण* ★ नाखून पतले, खुरदरे व चपटे हो जाते हैं तथा उनमें लम्बी-लम्बी धारियां सी पड़ सकती हैं । ★ सिर दर्द बना रहना ★ हल्के एनीमिया(खून की कमी) में लक्षण कम नज़र आते हैं, ★ सांस लेने में तकलीफ होना या साँस का फूलना ★ चक्कर आना एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति में एक सामान्य लक्षण है ★ खून की कमी या एनीमिया में हृदय की धड़कन तेज होने के अलावा चिडचिड़ापन भी हो सकता है । ★ छाती में हलका या तेज दर्द होना एवं सीने में ऐठन होना ★ त्वचा व नाखूनों का पीला होना ★ आंखों का पीली हो जाना ★ आखों के सामने अँधेरा छाना ★ हाथों और पैरों का ठंडा हो जाना ★ एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति में संक्रामक रोग जल्दी जल्दी होने का खतरा रहता है । ★ कमजोरी और थकावट महसूस होना शरीर में कमजोरी उत्पन्न होना, चेहरे की चमक खत्म होना, काम में मन नहीं लगना, शरीर थका-थका रहना, भूख न लगना, पेट की सफाई न होना आदि इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। स्त्रियों में खून की कमी के कारण `मासिक-धर्म´ समय से नहीं होता है और खून की कमी के कारण कभी-कभी `मासिक-धर्म´ रुक भी जाता है। खून की कमी बच्चों में हो जाने से बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं जिसके कारण बच्चों के शरीर का विकास नहीं हो पाता। बच्चों का दिमाम इतना कमजोर हो जाता है कि उसकी याददास्त कमजोर हो जाती है जिसके कारण बच्चे पढाई में पिछड़ने लगते हैं। शरीर में खून की कमी होने से चेहरे का रंग पीला, सूजन, सांस लेने में कठिनाई तथा पैरों में सूजन आदि बीमारी हो जाती हैं।खून की कमी होने के कारण सिर दर्द, दिल की कमजोरी, हाथ-पैरों की कमजोरी, पीलिया, दृष्टिहीनता (आंखों की रोशनी कम होना) हीनरक्तचाप (लो ब्लडप्रेशर), खून में खराबी आदि रोग सामने आते हैं और ज्यादा परेशानी में कमजोरी के बढ़ जाने पर दिल के रोग आदि से रोगी की मृत्यु हो सकती है। *विभिन्न औषधियों से उपचार:—* *1. सहजन:* सहजन के पत्तों को तोड़कर उसकी सब्जी बनाकर खाने से शरीर में लौह (आयरन) तत्व की कमी दूर होती है और शरीर में खून की कमी के कारण होने वाली बीमारी खत्म होती है। *2. पीपल:* पीपल का दूध बताशे में 4 बूंद डालकर खाने से खून की कमी दूर होती है तथा खून की कमी के कारण हुए रोग समाप्त हो जाते हैं। *3. चीकू:* शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए प्रतिदिन 3 से 4 चीकू 8 से 10 दिन तक खायें। *4. टमाटर:* टमाटर, पालक और गाजर का रस आधा-आधा कप प्रतिदिन 40 दिन तक पीने से खून की कमी के कारण हुए रोग में आराम मिलता है। *5. आंवला :* आधा कप आंवले के रस में 2 चम्मच शहद और थोड़ा-सा पानी मिलाकर पीने से लाभ होता है। आंवले का चूर्ण 3 से 6 ग्राम रोजाना शहद के साथ लेने से खून में वृद्धि होती है। खून के रोगी को एक चम्मच आंवले का चूर्ण और 2 चम्मच तिल के चूर्ण लेकर शहद के साथ मिलाकर खिलाने से 1 महीने में ही रोग में लाभ होता है। *6. अनार:* खून की कमी को दूर करने के लिए, अनार के जूस में थोड़ी-सी कालीमिर्च और सेंधानमक को मिलाकर पीने से लाभ होता है। पथरी की समस्या न हो तो गेहूँ के दाने के बराबर चुना डालकर पिये अद्भुत परिणाम है। *7. फालसा:* 40 दिन तक फालसा खाने से खून की कमी दूर हो जाती है और यह शरीर में खून बनाने में भी सहायक होती है। खून की कमी होने में फालसा खाने से खून बढ़ता है। *8. पपीता* पपीते का गुदा 200 ग्राम प्रतिदिन खायें। इसका प्रयोग लगातार 20 दिनों तक करने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। *9. अड़ूसे:* 1 कप पके अडूसों का रस निकालकर 8 दिन तक पीने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है। *10. आम:* 1 गिलास दूध और 1 कप आम के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सुबह-शाम पीने से लाभ प्राप्त होगा। 300 मिलीलीटर आम का जूस प्रतिदिन पीने से खून की कमी दूर होती है। *11. आलूबुखारा:* आलूबुखारे का रस निकालकर 2 गिलास रस प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से खून की कमी (एनीमिया) खत्म हो जाती है। *12. चुकन्दर :* चुकन्दर थेरेपी के तहत पहले ध्यान रहें कि 2 दिनों तक उपवास रखें। इसके बाद 3 दिन तक किसी भी फल के जूस पर रहें। इसके बाद 200 मिलीलीटर चुकन्दर, 200 मिलीमीटर गाजर का रस दिया जाता है। यह मात्रा एक दिन के लिए होती है। शरीर में रक्त की कमी होने पर यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी है। 1 गिलास चुकन्दर का रस निकालकर प्रतिदिन पीने से खून की कमी के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। *13. कालीमिर्च:* कालीमिर्च को कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर रखें। 1-2 टमाटर काटकर उस पर सेंधानमक और कालीमिर्च का चूर्ण डालकर खाना खून की कमी के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। *14. गाजर:* खून की कमी (एनीमिया) से पीड़ित रोगियों को 200 मिलीलीटर गाजर के रस में 100 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पिलाने से बहुत लाभ मिलता है। 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 125 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर पीने से जहरबाद, कारबन्कल, फोड़ा, प्रत्येक प्रकार का रक्तचाप, गुर्दे के रोग जैसे पेशाब बूंद-बूंद आना, पेशाब कम होना, पेशाब में सफेद पदार्थ सा जम जाना, सांस की नली की सूजन, कैंसर मोतियाबिन्द, सर्दी, जुकाम, कंठमाला (घेंघा रोग) और बवासीर आदि रोग दूर हो जाते हैं। 100 मिलीलीटर गाजर का रस और 30 मिलीलीटर चुकन्दर का रस मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। *15. गन्ना:* गन्ने के रस में 5 मिलीलीटर आंवले का रस और 5 ग्राम शहद मिलाकर पीने से खून की कमी दूर हो जाती है। *16. हीरा कसीस:* पिसा हुआ हीरा कसीस 10 ग्राम और लगभग 1 ग्राम के चौथे भाग में मलाई को मिलाकर रोजाना सुबह और शाम खाने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। 50 मिलीलीटर नींबू के रस में 1 ग्राम हीरा कसीस पिसा हुआ मिलाकर रखें। इस मिश्रण को 10 बूंद आधा कप पानी में मिलाकर पीने से खून की कमी के कारण होने वाले रोग समाप्त हो जाते हैं। *27. सत गिलोय:* सत गिलोय लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग घी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम देने से खून के रोग में लाभ होता है। *28. खवस अलहरीद:* धुला हुआ खवस अलहरीद 20 ग्राम और 60 ग्राम त्रिफला को कूट छानकर दोनों को लोहे की कढ़ाई में फैलाकर 250 से 300 ग्राम दही को मिश्रण के ऊपर डालकर 7 दिनों तक सुखायें और दिन में 3 से 4 बार उलट-पलट मिलाते रहें। सूख जाने के बाद कूट-छानकर इसमें 6-6 ग्राम पीपल, सोंठ, कालीमिर्च, पीसकर डाल दें। 3 ग्राम मिश्रण (दवा) प्रतिदिन सुबह-शाम एक गिलास छाछ (मठा) के साथ खाली पेट पीयें। इसको खाने से खून की कमी के रोगियों के लिये लाभकारी होता है। *29. कसीस:* कसीस भस्म 500 मिली ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार खाने से खून की कमी दूर होती है। *30. पित्तपापड़ा:* एक तिहाई कप के पानी में पित्तपापड़ा को मिलाकर पीने से खून की कमी के रोग में लाभ होता है। *31. आंवला:* आंवला रस को अच्युताय अश्वगंधा चूर्ण के साथ प्रतिदिन लेने से खून की कमी दूर होती है। *32. पौष्टिक भोजन:* खून को बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन खाना चाहिए। *33. खीरा:* खीरा, ककड़ी, प्याज, चुकन्दर, नींबू का रस, मूली, गाजर आदि का प्रयोग सलाद में करने से खाना खाने की अरुचि खत्म हो जाती है और रोगी अधिक खाना खाने लगता है। *34. चित्रक:* चित्रक की जड़ की छाल को छाया में सुखाकर कूट-पीसकर रखें। इसके चूर्ण में 100 मिलीलीटर चित्रक का रस निकालकर मिला लें। यह मिश्रण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है। *35. अंगूर:* 100 मिलीलीटर अंगूर का जूस (रस) पीने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। *36. बेल पत्थर:* बेल पत्थर के पत्तों के 5 ग्राम रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पाचनशक्ति ठीक होती है और खून में वृद्धि होती है। *37. कालानमक:*. 200 ग्राम कटे टमाटर में कालानमक मिलाकर खाने से पाचनशक्ति ठीक होती है और शरीर में खून की भी बढ़ोत्तरी होती है। *38. शहद:* 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम आंवला को 200 मिलीलीटर गन्ने के रस में मिलाकर पीने से खून के रोग में लाभ होता है। *39. खांडसारी*: लाल चीता का चूर्ण आधा ग्राम रोजाना खांडसारी के साथ लेने से खून और मांस की बढ़ोत्तरी होती है। *40. मुलहठी:* मुलहठी का चूर्ण आधा ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करने से खून में वृद्धि होती है। *41. कूठ:* आधा से दो ग्राम कूठ के चूर्ण में घी व शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से शरीर में खून बढ़ता है। *42. आम्रपाक:* 20 से 25 ग्राम की मात्रा में आम्रपाक खाना खाने से पहले 1 गिलास गाय के दूध में मिलाकर पीने से खून के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। *43. मेथी:* मेथी, पालक और बथुआ आदि प्रतिदिन सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है। मेथी की भाजी बनाकर खाने से खून साफ होता है, क्योंकि मेथी के अन्दर आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए एनीमिया या रक्त की कमी में यह बहुत उपयोगी होती है। *44. कलौंजी:* एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबालकर छान लें और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर, रोज भूखे पेट सुबह व रात में सोते समय 21 दिन तक सेवन करें। खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग न करें। *45. गिलोय :* गिलोय का रस सेवन करने से खून की कमी (एनीमिया) दूर होती है। एक चौथाई ग्राम की मात्रा में गिलोय (गुर्च) शहद और गुड़ के साथ सुब-शाम सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। *46. पालक:* आधा गिलास पालक के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर 50 दिन सेवन करने से शरीर का रक्त (खून) साफ हो जाता है। खून की कमी को पूरा करने के लिए पालक का रस 125 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 3 तीन बार देने से खून की कमी तो दूर होती ही हैं। इसके साथ ही चेहरे पर लालिमा, शरीर में उत्साह और स्फूर्ति पैदा होकर शक्ति का संचार और खून का बहना तेज हो जाता है। पालक का रस कच्चे पपीते में या छिलके सहित मूंग की दाल में डालकर सब्जी खाना लाभदायक है। पीलिया, उन्माद (पागलपन), हिस्टीरिया (मानसिक विकार), प्यास, जलन और पित्त ज्वरों में भी पालक लाभ करता है। *47. गुड़हल:* 1-1 चम्मच गुड़हल के सूखे फूलों के चूर्ण को 1 कप दूध के साथ सुबह-शाम रोजाना पीने से कुछ ही महीने में खून की कमी दूर होकर शारीरिक स्फूर्ति और ताकत में वृद्धि होती है। *48. प्याज:* प्याज का रस निकालकर 2 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर रोजाना खून के रोगियों को सेवन करने से लाभ होता है। कच्चे प्याज में लोहा, विटामिन `सी´ गन्धक, तांबे, आदि खनिज पाये जाते हैं, जिसके कारण पाचन अंगों में उत्तेजना उत्पन्न होती है और खून की कमी पूरी होने के साथ-साथ शारीरिक ताकत भी बढ़ती है। *49. पुनर्नवा:* पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण, मुनक्का और हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर 1 चम्मच की मात्रा में रोजाना सुबह-शाम 1 कप दूध के साथ सेवन करने से खून की कमी के रोग में लाभ होता है। *50. नींबू:* 2 चम्मच नींबू के रस में आधा कप टमाटर के रस में मिलाकर प्रतिदिन 2 बार, 20 दिनों तक पीने से रोग में लाभ मिलता है। नींबू और टमाटर का रस लाभ करता है। यदि आपके पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस बनती हो तो उन्हें एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है। खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं। *51.सिंघाड़ा :* सिंघाड़ा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो शरीर को शक्ति देने के साथ-साथ शरीर प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, खनिज और लौह की कमी पूरी करता है। कच्चे सिंघाड़े का सेवन शरीर में खून की कमी को भी पूरा करता है। *52. हल्दी :* शाम को गर्म पानी में दो चुटकी हल्दी पीने से शरीर सदा नीरोगी और बलवान बना रहता है तथा यह प्रयोग हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में सहायता करता है। *53.जामुन :* जामुन का रस और आंवले का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। *54.गुड़ :* गुड़ का सेवन करना भी एक बेहद उत्तम तरीका है. गुड़ में आयरन फोलेट और कई विटामिन बी शामिल हैं जो हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मददगार होते हैं| *55.अंजीर* : 3 से 5 अंजीर को दूध में उबालकर या अंजीर खाकर दूध पीने से हीमोग्लोबिन की मात्रा तेजी से बढती है | *56.चुकंदर :*. शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा खाद्य प्रदार्थ है. चुकंदर पोषक तत्वों की खान है. इसमें आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर, और पोटेशियम ये सभी सही मात्रा में पाया जाता है. ये शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि करता है| *57.तिल :* दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें। *58.अश्वगंधा :* 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को आँवले के 10 से 40 मि.ली. रस के साथ लेने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। *59.किसमिश:* एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर उसमें 20 से 25 दाने किसमिश रात्रि में भिगो दें। सुबह छानकर पानी पी जायें एवं किसमिश चबा जायें। यह एक अदभुत शक्तिदायक प्रयोग है। *60. अनार* एक कप अनार के जूस में चुना गेहुँ के दाने के बराबर पथरी की शिकायत न हो तो अगर पथरी की शिकायत हो तो सिर्फ जूस या सिर्फ जूस उपलब्ध न हो तो चुना को दूध छोड़कर किसी भी तरल पेय में ले सकते हैं। *61. लोहासव या लौहभस्म :-* पाण्डु, गुल्म, सूजन, अरुचि, संग्रहणी, जीर्णज्वर, अग्निमांद्य, दमा, कास, क्षय, उदर, अर्श, कुष्ठ, कण्डु, तिल्ली, हृदयरोग और यकृत-प्लीहा की विकृति को नष्ट करता है । रक्त बढ़ाने की यह ख्याति प्राप्त औषधि है। इसका सेवन व मात्रा चिकित्सक के सलाह अनुसार ही लें। ये तो हो गयी आयुर्वेदिक औषधि इस औषधि का घरेलू विकल्प है लोहे की कड़ाही की बनी सब्जी या दाल का सेवन या लोहे के बर्तन में पानी को उबालकर रख ले व उपयोग करें। अब गौर करें पुरानी सुविधायों को तो हर घर मे लोहे की कड़ाही होती थी जिसमे सब्जी बनती थी व लोहे का तवा जिसपर रोटी बनती थी और बनती है पहले रोटी को दोनो तरफ फुलाने हेतु तवे या लकड़ी या उपले की आग का उपयोग होता था और आज बताने या लिखने की जरूरत नही है फिर भी लिख देता हूँ फुलाने हेतु सीधे गैस पर और तो और गैस को तेज कर उपला लकड़ी मेरे घर मे तो था और मेरी दादी नानी ने भरपूर उपयोग किया है। लिखते लिखते पुराने दिन याद आगये जब किसी समारोह हेतु सब्जी चावल दाल भात जो बनाया जाता था तो लोहे की कड़ाई मे ही बनाया जाता था और पानी भी लोहे के बर्तन में रखते थे। मेरी हार्दिक अभिलाषा है हर मानव का स्वास्थ्य समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से भेजकर लाभान्वित करें । *सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः* *मानव योग*